Monday, February 23, 2009

Guzaarish Muskurahat ki !!





"गुजारिश मुस्कराहट की"


उन लम्हों की यादों में,
हम रातों को जवान बना दें,
चाहत मैं उनकी
हम हर गम को भुला दें.
न वादा न इकरार.......
इक्क बार मुस्कुरा के तो दिखा दें
उनकी हंसीं के लिए हम खुदा को भुला दें !!!


तमन्ना --इकरार मचल जाए
अगर वो आने का वादा कर दें....!!
आसमान -ऐ- इश्क में ,
हवाओं का रुख बदल दें ...
बात न सही ,
वादा ही कर दें
उसी के सहारे हम ज़िन्दगी बिता दें !!!


काश के उन्होंने
मुड़कर उस कदर देखा न होता,
वो कातिलाना पल्लू सहराया न होता ,
जो वो जुल्फों को बिखरा दें हम तूफानों को भुला दें !!
उनकी हंसीं के लिए
हम खुदा को भुला दें.................. !!!


कह दे कोई उन्हें
हमें परेशान न किया करें ,,
तनहाइयों का आलम है ,, यादें बना करें !!
इश्क होता नहीं कर किसी से...
पलक झपककर कभी ,,,
गली की इस नुक्कड़ को भी देखा करें !!
बात न सही,
वादा न सही
खुदा के लिए , मुस्कुराया तो करें............. !!!



खौफ हमें वफ़ा का नहीं ,
इधर तो तनहाइयों का आलम है ...
हाल जो यह दिल का है ॥
कोई बता न दे उन्हें कहीं !!
जिगर से तो लग सके,,, नज़र से गुम् जाने का आलम है !!!
इधर तो ...............बेवफ़ाइयों का आलम है.......!!!!


मोहल्ले की चौखट से गुजरते गुजरते,
पलकें न झुकाया करें ,
हाल ये दिल का ऐसा न होता
कोई कह दे उन्हें,,,
इस कदर शरमाया करें,,,,,,,,
उनकी हंसीं के लिए हम खुदा को भुला दें ......
के वो मुस्कुराया तो करें !!! मुस्कुराया तो करें !!!!