Thursday, June 25, 2009

Yadein Bani Yaadgaar........


खुदा से मांगते हैं तुम्हें हरदम,
काश के आज मुद्दत हो जाए।
जिंदगी का पल- पल बीता है कैसे,
तमाम यादों के बाद , इक्क यादगार हो जाए..........!!


दुआ मांगते हैं दुनिया वाले,
अपनों के लिए.....
हमनें मांगी मुद्दतें जिंदगीभर,
बेगानों के लिए;
कबूल कर लें तमाम गुनाह अपने,
जो तू सजा देने जाए।
तमाम यादों के बाद, इक्क यादगार हो जाए......


मुनासिब ये भी है ,
के जिंदगी शाम हो जाए;
शमा जलती है अक्सर शाम के बाद,
तू चाहे तो ये शाम ,
इक्क जाम हो जाए।
तमाम यादों के बाद, इक्क यादगार हो जाए........


सजाये हैं कितने की खाव मैंने ,
पलकें हैं बेताब,
हकीकत में न सही ,
ज़हन में जो तू आए।
देंगी दुआएं ये पलकें हज़ार,
बंद आंखों में भी जो तू सामने आए।
तमाम यादों के बाद, इक्क यादगार हो जाए.......
यादगार हो जाए.............!!!